बिरादरान व ख़्वाहरान के लिए “इस्तिलाहात-ए-मेहदविया” के नाम से ये किताब पेश की जा रही है।
इस्तिलाहात की अपनी अहमिय्यत होती है। क़ानूनी, तिजारती, मज़हबी या तकनीकी मुआमलात में इस्तिलाहात मुरव्विज हैं।
क़ौम-ए-मेहदविया में भी इस्तिलाहात का चलन आम है। बिलखुसूस नौजवानों की मालूमात के लिए मजलिसे दफ़ा-ए-हक़ की जानिब से एक कोशिश की गई है। उम्मीद है कि क़ारिईने किराम मुस्तफ़िद होंगे। मुम्किन है कि बाज़ अहम इस्तिलाहात छूट गए हों और मुम्किन है कि बाज़ ग़लतियां भी हो गई हों। आप से इल्तिमास है कि हमें आगाह फरमाएं, ता कि इन्शा अल्लाह, दूसरे एडिशन में छूटी हुई इस्तिलाहात...
بہوکم قرآن وہ حدیث
آمدے مہدی دسویں صدی ہجری کے اندر ہی ہونے شرطِ مہدیت ہے
Bandagi Miyan Malik Ilahdad RZ ki Sawaneh
Hz Shaikh Alai Shaheed(RH) ne iss kitab mein Ahadith-e-Nabawi(SAS) ki roshni mein saboot-e-Mahdi(AS) par dalail aur logaon ke guman ki tasih farmaee hai.
Ek Mahdavi ki namaz kaise hoti hai - is per tafseeli behes ki gayi hai.
Translated By: Syed Mohammed Suhael
Knowledge of Quran in Q&A format
نماز قصر کے بارے میں
اس کی ادائی کے بارے میں تفصیلی معلومات فراہم کئے گئے ہیں۔